यह तस्वीर आत्मदाह करने से पांच मिनट पहले ली गई. केसरिया कुरता पहने शिवकुमार चौधरी एक हाथ में जलता हुआ त्रिशूल और दूसरे हाथ में कैरॉसिन से भरी बोतल लिए है. उसके कपड़े कैरॉसिन से भीगे हैं.
मेरे शहर में बदअमनी फैली हुई है क्योंकि एक शख्स नाहक मौत का शिकार बन गया. सरेआम खुद पर कैरॉसिन डालकर खुद को आग लगा ली. सैकड़ों लोगों की भीड़ ने देखा पर जल जाने दिया. जहां घटना हुई वह कलेक्टर और एसपी के दफ्तरों के बीच कचहरी परिसर का केंद्र स्थल है और उस समय वहां क्षेत्र के सांसद अपना साप्ताहिक जनता दरबार लगाए बैठे थे.
संजय का कार्य सब कुछ देखना और उन्हें सुनाना है जो नहीं देख पाए. संजय ने तब भी यही किया था, अब भी यही कर रहा है.
सोमवार, 14 जनवरी 2008
मंगलवार, 8 जनवरी 2008
और तुम्हारी नस्ल क्या है गोरो?
इंसान की नस्लों में भेदभाव का चलन क्यों शुरू हुआ और कैसे शुरू हुआ यह तो मैं नहीं बता सकता क्योंकि मैं इस क्षेत्र का विशेषज्ञ नहीं हूं. लेकिन मैं यह देख सकता हूं कि हरभजन सिंह पर नस्लभेदी टिप्पणी करने का आरोप लगाकर प्रतिबंध का दंड देने में रंगभेद जरूर है. ध्यान दें मैने नस्लभेद नहीं रंगभेद कहा है. ये दोनों अलग अलग शब्द हैं तथापि दोनों का आशय किसी न किसी प्रकार के भेदभाव से है.
शनिवार, 5 जनवरी 2008
पुलिस ने एक ब्लॉगर को जेल में डाला
ब्लॉगर्स के लिए यह बुरी खबर है. सउदी अरब के सबसे लोकप्रय ब्लॉग के लेखक फुआद अल फरहान को वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उन्होंने राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने ब्लॉग पर आवाज उठाई. सउदी अरब में काफी लोग अंग्रेजी और अरबी में ब्लॉग लिखते हैं लेकिन पुलिस के ऐसे हस्तक्षेप का यह पहला मामला है. कुवैत, बहरीन और मिस्र जैसे देशों से ब्लॉगर्स को उत्पीडि़त किए जाने के समाचार आते रहते हैं. अब सउदी अरब में भी यह शुरू हो गया है.
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