संजय उवाच को मैने अपने जालस्थल पर स्थानांतरित कर दिया है.
नया पता यह है....
Sanjay Uvach
http://www.sanjayuvach.com
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संजय का कार्य सब कुछ देखना और उन्हें सुनाना है जो नहीं देख पाए. संजय ने तब भी यही किया था, अब भी यही कर रहा है.
इंटरनैट पर हिंदी को भले ही आज प्रथम दस भाषाओं में शुमार नहीं किया जा रहा हो लेकिन सच यह है कि इंटरनैट पर हिंदी के चिट्ठों की दुनिया का दिन दूनी रात चौगुनी गति से विस्तार हो रहा है. इसलिए हिंदी चिट्ठों की बात हर ओर होने लगी है. भारत के प्रमुख हिंदी दैनिक समाचारपत्र दैनिक भास्कर में आज 14 फरवरी के अंक में एक पूरा पेज हिंदी ब्लॉग्स पर केंद्रित सामग्री के साथ प्रकाशित हुआ है.
यह तस्वीर आत्मदाह करने से पांच मिनट पहले ली गई. केसरिया कुरता पहने शिवकुमार चौधरी एक हाथ में जलता हुआ त्रिशूल और दूसरे हाथ में कैरॉसिन से भरी बोतल लिए है. उसके कपड़े कैरॉसिन से भीगे हैं. संजय उवाच को मैने अपने जालस्थल पर स्थानांतरित कर दिया है. नया पता यह है.... Sanjay Uvach http://www.sanjayuvach.com